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गैप ट्रेडिंग किसे कहते हैं ?
गैप ट्रेडिंग किसे कहते हैं ? अमूमन स्टॉक मार्केट में कभी-कभी हमें गैप देखने को मिलता है जिसको की नो ट्रेडिंग जोन भी कहते हैं इसको ट्रेडर अपने प्रॉफिट बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं | किसी एसेट में कभी बहुत तेजी से गिरावट आती है या बहुत तेजी से ख़रीदी आती है तो वहा पर हमें गैप देखने को मिलते हें | और बीच का हिस्सा नो ट्रेडिंग जोन कहलाता हे |
गैप ट्रेडिंग को हम केसे पहचान सकते हैं ?
इसको हम पहचान सकते हैं कैंडलेस्टिक पैटर्न से और बार पैटर्न से | गैप दो तरह के होते हे गैपउप मतलब बुल्लिश गैप या गैपडाउन मतलब bearish गैप |
बुल्लिश गैप किसे कहते हे ? -> BULLISH गैप कहते हे अगर कैंडल ओपनिंग करती है पिछली कैंडल के क्लोजिंग के ऊपर उसे बुल्लिश गैप कहते हैं | जैसे नीचे पिक्चर में दिखाया गया है |
Bearish गैप किसे कहते हे ? -> Bearish गैप कहते हे अगर कैंडल ओपनिंग करती है पिछली कैंडल के क्लोजिंग के निचे तो उसे bearish गैप कहते हैं | जैसे नीचे पिक्चर में दिखाया गया है|
MARKETS में गैप कैसे होते हैं ?
गैप कैसे होते हैं ? -> अगर हम बात करे इंडिया की स्टॉक मार्केट की तो इंडिया की स्टॉक मार्केट सुबह 9:15 am से 3:30 pm बजे तक खुली रहती है बाकि टाइम मार्केट बंद रहती है सुबह 9:00 am से 9:15 am तक का टाइम जो होता है उसे प्री मार्केट ओपनिंग कहते हैं | और 9:00 am बजे से 09:07 am तक मार्केट ऑर्डर ओपनिंग हो जाती है मतलब अगर हम मार्केट में बाइंग या सेलिंग ऑर्डर लगाना चाहते हैं तो 9:00 am बजे से 09:07 am बजे तक लगा सकते हैं | इसी वजह से गैप अप या गैप डाउन होता है जितने बड़े इनवेस्टर्स होते हैं वह पीछे दिन के ट्रेंड से जैसे कोई ग्लोबल सेंटीमेंट हो गया या फिर कोई ग्लोबल मार्केट अप हो गया या फिर डाउन होगी या जेसे कोरोना वायरस जैसा कोई वायरस आ गया तो सुबह 9:00 am बजे से 9:07 am तक हम लोग बाइंग या सेलिंग ऑर्डर लगा सकते हैं | जिसके कारण गैप अप या गैप डाउन होता है |
GAP UP या GAP DOWN में पैसे केसे कमाए
जेसा कि हमें पता है 9:00 am से 09:07 am तक हम आर्डर लगा सकते हैं चाहे वह बाइंग का हो या फिर वह सेलिंग का हो | तो हम प्रीवियस डे का ग्लोबल सेंटीमेंट देखकर एनालाइज करके यह अंदाजा लगाकर की मार्केट ऊपर ओपन होगी या नीचे ओपन होगी इससे पता लगाकर हम 9:00 बजे से 9:07 तक अपनी पोजीशन बना सकते हैं और इसमें अगर बहुत बड़ा गैप उप या गैप डाउन होता है तो हमें बहुत फायदा होगा |
MARKET GAPUP होगा या GAPDOWN इसका हम कैसे पता कर सकते है ?
अगर मैं निफ्टी 50 की बात करूं तो एक एसजीएक्स निफ़्टी नाम से इंडेक्स होता हे जो कि सिंगापुर निफ्टी होता है | अगर सिंगापुर निफ्टी ने ग्रीन में क्लोजिंग हुई है तो अमूमन nifty 50 गैप उप खुलेगा और अगर sgx nifty रेड में क्लोज हुआ हे तो वो गैप डाउन ओपान हो सकता हे | nifty 50 में बहुत सारे रिटेल ट्रेडर्स ऐसा करते हैं वेह गैप ट्रेडिंग करते हैं और बहुत ज्यादा पैसा कमाते हैं | आइए अब हम टेक्निकली इसे समझते हैं कि गैप ट्रेडिंग कैसे होती है और हम इसमें कैसे पैसा बना सकते हैं |
गेपउप या गैपडाउन के बाद ट्रेडिंग प्लान
अगर HOLD CANDLE के बाद GAP DOWN होता हे तो ट्रेड प्लान केसे करे ?
अगर HOLD CANDLE के बाद GAP DOWN होता हे तो ट्रेड प्लान केसे करे ?
–>अगर पुरानी दिन की कैंडल एक डोजी कैंडल है या फिर एक एसी कैंडल जो हमें दिखाती है कि मार्केट अभी रुका हुआ है या होल्ड कर रहा है तो उसके अगले दिन अगर गैपडाउन ओपनिंग होती है तो मार्केट ट्रेंडिंग हो सकता है सेलर्स को एक स्टॉप लॉस मिल जाएगा पिछले दिन का हाई और buyers जितने भी होंगे वह सब स्क्वायर ऑफ करके अपनी पोजीशन एग्जिट कर लेंगे क्योंकि उनको अपने अकाउंट में लॉस दिख रहा होगा वह ज्यादा लॉस नहीं लेंगे और अपनी पोजीशन को एग्जिट कर देंगे सेल कर देंगे और जो सेलर्स होंगे वहां पर अपने को उसी पुरानी पोजीशन को होल्ड करेंगे और नीचे जाने का वेट करेंगे मार्केट और उनको एक अच्छा स्टॉपलॉस भी मिल जाएगा | ओर्र मार्किट डाउन को मोमेंटम दिखा सकता हे | जेसा की पिक्चर में दिखाया गया हे |
अगर होल्ड कैंडल के बाद गैपअप होता है तो ?
अगर होल्ड कैंडल के बाद गैपअप होता है तो ?
–> अगर गैप अप होता है तो सेलर्स जो है जिन्होंने सेल कर रखा है उनको आपने अकाउंट में लोस दिखेगा ओर वह अपनी पोजीशन एग्जिट कर देंगे और वे बाय कर लेंगे पोजीशन को और फ्रेश बायर्स भी वहां पर ऐड हो जाएंगे और मार्केट ऊपर जा सकता है क्योंकि कभी भी होल्ड कैंडल रिवेर्सल शो करती हे और एक न्यू पोजीशन ऐड करने का सिग्नल देती हे लेकिन कंफर्मेशन जरुरी होता हे | अगर कंफर्मेशन के बाद ग्रीन कैंडल बनता है तो मार्केट उपर ज सकती हे और अगर होल्ड कैंडल के बाद रेड कैंडल बनता हे तो मर्त्केट ओर्र निचे गिर सकती हे | जेसा निचे पिक्चर में दिखाया गया हे |
BEARISH कैंडल के बाद GAP TRADING केसे प्लान करे ?
BEARISH कैंडल के बाद अगर मार्किट फ्लैट खुलती है मतलब वही पर खुलती है जहां पर पिछले दिन की क्लोजिंग हुई थी तो मार्केट वहां कंटिन्यू कर सकती है मतलब मार्केट के पिछले दिन का सेंटीमेंट BEARISH था तो आज भी वो बारिश रह सकता है वह अगर फ्लैट खुलती है तो जिन्होंने सेलिंग पोजिशन बनाई थी वह सेलिंग ही करेंगे क्योकि उनके लिए कुछ भी चेंज नहीं हुआ है और मार्केट डाउन ही आएगी लेकिन अगर लेकिन अगर गैप डाउन होती है तो यहां से मार्केट रिवेर्से कर सकता है क्योंकि गैप डाउन होने के बाद जो सेलर्स होंगे उनको अपने अकाउंट में एक प्रॉफिट दिखेगा जिसको कि वह स्क्वायर ऑफ करना चाहेंगे और यहां पर नए buyers भी ऐड होंगे फ्रेश पोजीशंस बनेगी तो यह अगर प्राइस एक्शन बनता है तो मार्किट रिवर्स हो सकता हैं और इसके बाद अगर गैपउप होता हे पिछली दिन के पचास परसेंट ऊपर तो वहां से एक रेवेर्सल देखने को मिल सकता हे क्योकि जो सेलर्स होंगे वो square off कर लेंगे क्योकि पिछले दिन का सेंटिमेंट नेगेटिव था अचानक से पॉजिटिव केसे हो गया ओर फिर वो buyer बन जायेंगे ओर्र नई पोजीशन ऐड हो जाएँगी जेसा की निचे पिक्चर में दिखाया गया हे | अगर आप और भी आचे से गैप ट्रेडिंग सीखना कहते हे तो निचे दी गयी विडियो पूरा देख लीजिये उसमे सुभासिस सर ने गैप ट्रेडिंग उन्होंने बोहोत अच्छे से समझाई हे |
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GAP TRADING > DISCLAIMER
इस आर्टिकल में जो कुछ भी साझा किया गया है इसका केवल शैक्षिक उद्देश्य है। TRADING और INVESTING एक रिस्की Business हे | मेरे ख्याल से हमें सुरुआत में ट्रेडिंग कम पेसे से करनी चाहिये | और लोन लेकर कभी भी ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिये क्योकि इन सब से हम बोहोत बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हें | TRADING और INVESTING सिर्फ् पैसों सी नही होती हे मेहनत लगती और PSYCHOLOGY सबसे एहम किरदार निभाती हे चाहें वो TRADING हो या फिर INVESTING दोनों में धेर्य का होना होना बोहोत जरुरी हे इसीलिए हम आपको कुछ भी RECOMMEND नहीं कर रहे हे | कृपया अपने जोखिम को ध्यान में रख कर ही STOCK MARKET और INVESTING की दुनिया में कदम रखे |